اعانه 15 سپتمبر 2024 – 1 اکتبر2024 د پیسو د راټولولو په اړه

Samudra Ki Lehron Mein (Hindi)

Samudra Ki Lehron Mein (Hindi)

Singh, Khushwant
دا کتاب تاسو ته څنګه خواښه شوه؟
د بار شوي فایل کیفیت څه دئ؟
تر څو چې د کتاب کیفیت آزمایښو وکړئ، بار ئې کړئ
د بار شوو فایلونو کیفیتی څه دئ؟
दो दिन, दो रात उसका पार्थिव शरीर राजभवन केदरबार हॉल में रखा रहा। वहांसे

अरब सागर ठीक सामनेनज़र आता था।राजभवन केदरवाज़ेहर कीसी केिलए

खोल दीए गयेथ।े ताकि लोग उस शख्स को अपनी श्रद्धांजलि दे सके जीसने देश के

िलए बहुत कुछ किया। याद नही आता कि उस दौर में इतना किसी और ने किया।

हालांᳰक बᱟत कम लोग उसे᳞िᲦगत ᱨप सेजानतेथ,े लेᳰकन जीतेजी उसका नाम

महान लोगᲂ मᱶशुमार हो गया था। राजभवन केगेट सेमील भर दरू तक हाथᲂ मᱶफूल-

मालाएं िलए ᮰᳍ांजिल दनेेवालᲂ कᳱ कतार थी। क़ायद-ेक़ानून को ताख़ पर रख ᳰदया

गया था। पुिलस थी, लेᳰकन िसफ़ᭅ येदखे नेकेिलए ᳰक लोग िबना ᱧकेअथᱮ केआगे

बढ़तेरह।ᱶ मौत केबाद भी उसकेचेहरेपर िवजय और िवᮤोह केभाव थे। कुछ लोग

उसकᳱ अकूत दौलत कᳱ वाᳯरस, उसकᳱ बेटी को एक झलक दखे नेकᳱ ᳰफ़राक मᱶइधर-

उधर मंड़रा रहेथे, लेᳰकन उ᭠हᱶमायूस ही लौटना पड़ रहा था। िसफ़ᭅउसकᳱ बुज़ᰛगᭅबहनᱶ,

कुछ खास लोगᲂ केसाथ, हॉल मᱶनज़र आ रही थᱭ

درجه (قاطیغوری(:
کال:
2014
خپرندویه اداره:
Rajpal and Sons
ژبه:
hindi
صفحه:
109
ISBN 10:
9350641135
ISBN 13:
9789350641132
فایل:
PDF, 1.17 MB
IPFS:
CID , CID Blake2b
hindi, 2014
په آن لاین ډول لوستل
ته بدلون په کار دي
ته بدلون ناکام شو

مهمي جملي